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कृषि वानिकी को बढ़ावा देने के लिए केंद्र ने जारी किए ‘आदर्श नियम’, पेड़ों की कटाई और व्यापार के नियम होंगे अब आसान

 

नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने कृषि वानिकी (Agroforestry) को बढ़ावा देने और इस क्षेत्र में व्यापार को सरल बनाने के उद्देश्य से पेड़ों की कटाई से जुड़े नियामक ढांचे को सरल करने की दिशा में बड़ा कदम उठाया है। पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को ‘कृषि भूमि में पेड़ों की कटाई के लिए आदर्श नियम’ (Model Rules) जारी किए हैं।

इन आदर्श नियमों का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक ऐसा सरलीकृत, पारदर्शी और ट्रेस करने योग्य विनियामक ढांचा प्रदान करना है, जिससे कृषि वानिकी को अपनाना और उसका प्रबंधन करना अधिक आसान और आकर्षक हो सके।

कृषि वानिकी के लाभ

मंत्रालय ने कहा है कि कृषि वानिकी से ग्रामीण आजीविका में सुधार, मिट्टी का स्वास्थ्य बेहतर करने, जैव विविधता के संरक्षण, जलवायु लचीलापन, जल संरक्षण, वृक्ष आवरण में वृद्धि, और प्राकृतिक वनों पर दबाव कम करने जैसे कई लाभ मिलते हैं।

व्यवसाय करने में आसानी और ऑनलाइन प्रक्रिया

नए नियमों के तहत, कृषि भूमि पर वृक्षारोपण करने वाले किसानों और अन्य हितधारकों को अपने बागानों को राष्ट्रीय इमारती लकड़ी प्रबंधन प्रणाली (NTMS) पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा। यह पोर्टल वर्तमान में विकसित किया जा रहा है, जिसमें भूमि स्वामित्व, खेत का स्थान (KML फ़ाइल सहित), प्रजातियाँ, रोपण की तिथि जैसी जानकारियाँ अपलोड करनी होंगी।

आवेदक अपने वृक्षारोपण की जियोटैग की गई तस्वीरें और समय-समय पर अद्यतन जानकारी पोर्टल पर डाल सकेंगे, जिससे ट्रैसेबिलिटी (traceability) बनी रहे। कटाई की अनुमति के लिए आवेदक ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे, जिसमें कटाई के इच्छित पेड़ों का विवरण देना होगा।

परमिट जारी करने की प्रक्रिया

फॉरेस्ट वेरिफिकेशन एजेंसियाँ खेत का निरीक्षण करेंगी और अपनी रिपोर्ट के आधार पर प्रभागीय वन अधिकारी द्वारा परमिट जारी किए जाएंगे। इन एजेंसियों की निगरानी और मूल्यांकन भी नियमित रूप से किया जाएगा।

राज्यों को निर्देश

मंत्रालय ने राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से आग्रह किया है कि वे इन आदर्श नियमों की समीक्षा करें और उन्हें अपनाने पर विचार करें, ताकि किसानों को बिना अनावश्यक प्रक्रियात्मक अड़चनों के कृषि वानिकी अपनाने में सुविधा मिल सके।

व्यवसाय और निर्यात को बढ़ावा

इस पहल का उद्देश्य घरेलू लकड़ी उत्पादन बढ़ाना, स्थानीय कच्चे माल से लकड़ी आधारित उद्योगों को समर्थन देना और निर्यात को प्रोत्साहित करना है। इसके लिए लकड़ी आधारित उद्योगों (स्थापना एवं विनियमन) दिशानिर्देश 2016 के तहत गठित राज्य स्तरीय समितियों को इन नियमों के प्रभावी क्रियान्वयन की जिम्मेदारी सौंपी गई है।

यह कदम न केवल कृषि वानिकी को एक लाभदायक व्यवसाय के रूप में विकसित करने की दिशा में सहायक है, बल्कि पर्यावरणीय संतुलन और सतत विकास को भी मजबूती देगा।

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