टेक्नोलॉजी

तकिये के नीचे फोन रखकर सोने वाले हो जाएं सावधान, बढ़ता है नींद उड़ाने से लेकर कैंसर तक का खतरा

आज के समय में मोबाइल फोन हमारे जीवन का ऐसा हिस्सा बन चुका है। कि हम खाने-पीने से लेकर उठते-बैठते, सोते-जागते हर समय फोन का इस्तेमाल ही करते रहते हैं। यहां तक की हम सोते समय में भी फोन का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। ऐसे में यदि आप भी अपने फोन पर ज्यादा समय बिस्तर पर बिताते हैं या फिर उसे अपने तकिए के नीचे रख कर सोते हैं, तो आपको इससे बड़ा नुकसान हो सकता है। जिससे आपको सावधान होने की जरूरत है।

प्यू रिसर्च की रिपोर्ट के अनुसार, 68 प्रतिशत व्यस्क और 90 प्रतिशत किशोर अपने मोबाइल को साथ लेकर ही सोते हैं। ऐसे में यदि आप इन लोगों में शामिल हैं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। तो चलिए जानते हैं कि मोबाइल को पास में रखने पर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की क्या राय है।

जानें क्‍या कहता है WHO ?
विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सोते समय मोबाइल को पास में रखने के खतरों को लेकर लोगों को आगाह किया है। WHO का कहना है, कि इसका रेडिएशन सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और प्रजनन क्षमता को कमजोर कर सकता है। मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी नींद को पैदा करने वाले हार्मोन का बैलेंस बिगाड़ देती है। जिसकी वजह से आपको सोने में परेशानी हो सकती है। इसके साथ ही आपकी बायोलॉजिकल क्लॉक भी बिगड़ जाती है।

बढ़ सकता है कैंसर का खतरा
डब्ल्यू एच ओ WHO ने आगे कहा, कि मोबाइल रेडिएशन से कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। उन्होंने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है, कि इससे ग्लियोमा नाम के मस्तिष्क कैंसर का जोखिम बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। इसी वजह से सोने के एक घंटे पहले से ही मोबाइल का इस्तेमाल पूरी तरह से बंद कर देना चाहिए। सिर्फ जरूरत पड़ने पर ही इसका इस्तेमाल करना चाहिए। फोन का रेडिएशन मस्तिष्क के साथ-साथ हार्ट के लिए भी खतरनाक होता है।

जानें कितनी दूरी पर रखें मोबाइल
यदि आप अपने आपको सेफ रखना चाहते हैं, तो फोन को तकिए के नीचे या आस-पास न रखें। इसके साथ ही मोबाइल अपने बेडरूम में भी न रखें। लेकिन अगर आप ऐसा नहीं कर सकते हैं, तो फोन को अपने आप से कम से कम तीन फीट की दूरी पर रखें। ऐसा करने से मोबाइल से निकलने वाली रेडियो फ्रीक्वेंसी इलेक्ट्रोमैग्नेटिक की ताकत काफी कम हो जाती है और आप पर रेडिएशन का जोखिम भी नहीं रहता है।

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