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ममता सरकार आज विधानसभा के विशेष सत्र में पेश करेगी रेप विरोधी बिल, बंगाल में रेप के दोषी को 10 दिन में फांसी

पश्चिम बंगाल विधानसभा के विशेष सत्र के दूसरे दिन आज ममता सरकार ने एंटी रेप बिल पेश किया। इसे अपराजिता महिला एवं बाल विधेयक, (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) 2024 नाम दिया है। आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर का रेप-मर्डर हुआ था। बंगाल में इस पर आज भी डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। इसी घटना के बाद ममता सरकार एंटी रेप बिल ला रही है।

मामले की जांच 36 दिन में पूरी करने को कहा गया है। साथ ही दोषी को 10 दिन में मौत की सजा देने का प्रस्ताव रखा गया है। बिल पारित करने के लिए 2 सितंबर से दो दिन विशेष विधानसभा सत्र बुलाया गया है।
बताया जा रहा है कि विधानसभा में ये बिल आज ही पास हो जाएगा। भाजपा नेता सुकांत मजूमदार ने रविवार को कहा कि हमने फैसला किया है कि ममता बनर्जी के इस विधेयक का समर्थन करेंगे।

आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त की रात ट्रेनी डॉक्टर से रेप-मर्डर हुआ था। बंगाल में इस पर आज भी डॉक्टरों का प्रदर्शन जारी है। इसी घटना के बाद ममता सरकार एंटी रेप बिल ला रही है।

बीजेपी ने विधानसभा अध्यक्ष बिमान बनर्जी से आरजी की पीड़ित के शोक संदेश पारित करने की मांग की, जिसे अध्यक्ष ने स्वीकार नहीं किया। इस पर नेता विपक्ष सुवेंदु अधिकारी की अध्यक्ष से तीखी नोकझोंक हुई। सुवेंदु ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री बुद्धदेव भट्टाचार्य की स्मृति में संदर्भ पारित हो सकता है तो आरजी कर में घटी जघन्य घटना पर क्यों नहीं। इस पर बिमान बनर्जी ने सुवेंदु से पूछा- मृतक का नाम लिए बिना आप शोक संदेश कैसे पारित कर सकते हैं, क्या आप पीड़ित का नाम बता सकते हैं? रेप पीड़ित की पहचान उजागर करना सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ है। इतना होने के बाद BJP के 52 विधायक सदन की लॉबी में इकठ्ठे हुए। सभी ने मोमबत्तियां जलाकर और पोस्टर दिखाकर ट्रेनी डॉक्टर को श्रद्धांजलि दी। सभी ने पूरे कैंपस का चक्कर लगाया। पोस्टर पर लिखा था- ‘हम डॉक्टर बहन की दिवंगत आत्मा के लिए प्रार्थना करते हैं। RIP।’

एंटी रेप बिल के प्रावधान 4 पॉइंट्स में पढ़िए…

1. अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 का मकसद महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को मजबूत करना है।

2. प्रस्तावित विधेयक कानून के तहत रेप से जुड़े मामलों की जांच की शुरुआती रिपोर्ट को 21 दिनों के भीतर पूरा किया जाना है, जिसे 15 दिनों तक बढ़ाया जा सकता है।

3. रेप के मामले में दोषी पाए गए शख्स के लिए मृत्युदंड का प्रावधान होगा, अगर पीड़ित की मौत हो जाती है या फिर वह कोमा में चली जाती है।

4. बिल में जिला स्तर पर एक ‘स्पेशल टॉस्क फोर्स’ की स्थापना का भी सुझाव दिया गया है, जिसे ‘अपराजिता टास्क फोर्स’ कहा जाएगा। इसका नेतृत्व DSP लेवल के अधिकारी करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट ने खारिज की बंगाल सरकार की याचिका

कोलकाता में 27 अगस्त को आरजी कर की घटना के विरोध में छात्र संगठनों ने राज्य सचिवालय तक मार्च निकाला था। इस मार्च को नबन्ना अभियान नाम दिया गया था। पुलिस ने मार्च के आयोजकों में शामिल पश्चिम बंग छात्र समाज के नेता सायन लाहिड़ी को गिरफ्तार किया था। पुलिस का कहना था कि मार्च के दौरान भीड़ हिंसक हो गई थी। इस दौरान सार्वजनिक और निजी संपत्तियों को नुकसान पहुंचाया गया था। साथ ही पुलिस कर्मियों पर हमला किया गया था। लाहिड़ी की मां अंजलि ने बेटे के खिलाफ की जा रही कार्यवाही रद्द करने और उसे जमानत दिए जाने की मांग वाली याचिका कलकत्ता हाईकोर्ट में दाखिल की थी।

30 अगस्त को हाईकोर्ट ने याचिका पर सुनवाई करते हुए 31 अगस्त की दोपहर 2 बजे तक लाहिड़ी को पुलिस हिरासत से रिहा करने का आदेश दिया था। पुलिस ने लाहिड़ी को रिहा भी किया था। लेकिन बंगाल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका लगाई कि लाहिड़ी को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। आज हुई सुनवाई में जस्टिस जे बी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने बंगाल सरकार की याचिका को खारिज कर दिया। बेंच ने कहा प्रथम दृष्टया तो यह जमानत का मामला बनता है।

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