महिला ने तलाक की अर्जी के बाद पति से IVF के लिए माँगा स्पर्म, सुप्रीम कोर्ट ने तलाक रोका, जानें पूरा मामला

एक कपल ने साल 2017 में शादी की उसके बाद 2023 में तलाक के लिए कोर्ट में अर्जी लगा दी थी। अब अलग रह रही पत्नी इन-विट्रो फर्टिलाइजेशन ( IVF ) के जरिए बच्चे को जन्म देना चाहती है, जिसके लिए उसे अपने पति का स्पर्म चाहिए। पत्नी ने प्रेग्नेंट होने के लिए पति से सहयोग की मांग की है। इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने दोनों के तलाक की कार्यवाही पर रोक लगा दी है। बता दें कि महिला अपने माता-पिता के साथ लखनऊ में रहती है और पति भोपाल में रहता है और वहां दोनों के तलाक का केस भी चल रहा है।
महिला अपने पति द्वारा भोपाल में दायर तलाक के लंबित मामले को लखनऊ ट्रांसफर कराना चाहती है। इसके लिए उसने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। मामला सुप्रीम कोर्ट के जज पंकज मिथल की पीठ के सामने पहुंचा और वो सुनवाई के लिए सहमत हो गए। पीठ ने 1 दिसंबर के अपने आदेश में कहा, ‘दोनों पक्षों के बीच तलाक की याचिका परिवार अदालत, भोपाल में लंबित है। याचिकाकर्ता लखनऊ में रहती है और चाहती है कि मामले को लखनऊ ट्रांसफर किया जाए। पति को नोटिस जारी किया जाए और 6 हफ्ते के भीतर इसका जवाब दिया जाए।’ इस पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि भोपाल में लंबित तलाक मामले में आगे की कार्यवाही पर रोक रहेगी।
2017 में हुई शादी, लेकिन पति बच्चे के लिए नहीं था राज़ी
याचिका में 44 वर्षीय महिला ने कहा कि नवंबर 2017 में शादी की थी और कई बार अनुरोध के बावजूद उसके पति ने पिता बनने में देरी की और इसके लिए अपनी बेरोजगारी का बहाना बनाया। महिला ने कहा कि लगातार अनुरोध के बावजूद इस साल मार्च में उसके पति IVF के जरिए बच्चा करने के लिए मान गए। इसके बाद उन्होंने डॉक्टर को दिखाया और कई टेस्ट कराने के बाद दवा लेनी शुरू की। लेकिन महिला को उस समय बड़ा झटका लगा जब उसके पति ने तलाक के लिए कोर्ट में मामला दायर कर दिया, इसके साथ ही उसे घर से भी निकाल दिया और सारे संपर्क भी तोड़ दिए। उसकी कॉल ब्लॉक कर दीं। महिला ने कहा है कि अब वो लखनऊ में रहती है और भोपाल में सुनवाई के लिए जाना एक बड़ी चुनौती जैसा है।
अब महिला IVF के लिए चाहती है पति का स्पर्म
महिला ने सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका के साथ एक आवेदन भी दायर किया है। महिला ने अपील की है कि कोर्ट उसके पति को आदेश दे कि वह IVF प्रक्रिया में सहयोग करे और जब भी जरूरत हो तो स्पर्म और अन्य सहयोग प्रदान करे।