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96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन जारी न करने पर HC ने केंद्र सरकार को फटकारा, लगाया 20 हजार रुपये का जुर्माना

96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन जारी न करने पर HC ने केंद्र सरकार को फटकारा, लगाया 20 हजार रुपये का जुर्माना

“सरकारी कामकाज में समय लगता है”, यह बात आपने लगभग हर सरकारी दफ्तर में सुनी होगी। लेकिन अगर किसी स्वतंत्रता सेनानी को अपने हक की पेंशन के लिए
1980 से लेकर आज तक कोर्ट के चक्कर काटने पड़े तो यह सरकार और उसकी व्यवस्था को शर्मसार कर देने वाली घटना है। दरअसल 96 वर्षीय स्वतंत्रता सेनानी उत्तीम लाल सिंह स्वतंत्रता सैनिक सम्मान पेंशन का भुगतान न होने के कारण कई वर्षों से सरकारी दफ्तरों और कोर्ट के चक्कर लगा रहे थे। मामला जब हाई कोर्ट में पहुंचा जब जाकर स्वतंत्रता सेनानी उत्तीम लाल को न्याय मिला। HC ने इस मामले में केन्द्र सरकार को फटकार लगाते हुए कहा- पेंशन जारी करने में देरी स्वतंत्रता सेनानी का अपमान है। न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने 20 हजार रुपये का जुर्माना लगाते हुए कहा कि वह यह समझने में असमर्थ है कि जब बिहार सरकार ने पहले ही पेंशन देने के लिए उत्तीम सिंह के नाम की सिफारिश की थी और मामले से संबंधित जिला मजिस्ट्रेट ने पिछले साल उनके नाम का सत्यापन भी किया था, तो फिर स्वतंत्रता सेनानी की पेंशन क्यों नहीं दी जा रही। पेंशन योजना की मूल भावना केंद्र के अडि़यल रवैये से पराजित हो रही है। देश की आजादी के लिए लड़ने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के साथ केंद्र सरकार की तरफ से जिस तरह का व्यवहार किया जा रहा है वह दर्दनाक है।

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