चौधरी विजेंद्र सिंह की हुंकार, किसानों को दिलाएंगे उनका हक

चौधरी चरण सिंह के आदर्श पर चलने वाली लोकदल पार्टी ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान जोड़ो यात्रा निकालकर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की राजनीति में आगामी लोकसभा चुनाव के लिए जबरदस्त शक्ति प्रदर्शन किया। किसान जोड़ो यात्रा हजारों किसानों के काफिले के साथ मोटर वाहनों, ट्रैक्टरों, मोटरसाइकिलों पर सवार “जय जवान जय किसान” के नारे लगाती हुई मेरठ से शुरू होकर बिजनौर में शाम को समाप्त हुई इस दौरान रास्ते भर लोकदल के राष्ट्रीय महासचिव चौधरी विजेंद्र सिंह का किसान संगठनों, माता-बहनों, पार्टी कार्यकर्ताओं ने जबरदस्त स्वागत किया।
यात्रा के दौरान चौधरी विजेंद्र सिंह के साथ पार्टी के कई पदाधिकारी और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को उम्मीद से ज्यादा समर्थन और प्यार जनता ने दिया, जगह-जगह फूलों की वर्षा, अंग वस्त्र, पगड़ी पहनाकर लोगों ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश की उभरती इस नई राजनीतिक ताकत का हर्षोल्लास के साथ स्वागत किया। इस दौरान युवाओं में उत्साह देखने को मिला, इस स्नेह और समर्थन को देखकर चौधरी विजेंद्र सिंह ने प्रेस वार्ता में पत्रकारों से कहा कि मैं किसान का बेटा हूं और गरीबों, पिछड़ों, दलित और माता-बहनों का दर्द समझता हूं। देश की आजादी को 70 वर्ष से ज्यादा हो गए हैं लेकिन अभी तक किसानों को और उससे जुड़े वर्गों को पूर्ण न्याय नहीं मिला है। हम किसानों और पिछड़ों की लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए उनका हक उन्हें दिलाएंगे, आज जरूरत इस बात की है कि MSP पर नया कानून आए जिससे कि किसान अपनी फसल का उचित लाभ ले सके, बाजार के बिचौलियें और मल्टीनेशनल कंपनियां किसानों को ठग रही हैं। हमें बाजार के इन दलालों को हटाना है और किसान की फसल का वाजिब मूल्य किसान के घर तक पहुंचाना है जिससे कि कृषि मुनाफे का सौदा बन सके वैसे तो गन्ने की फसल को नकदी फसल माना जाता है, लेकिन हकीकत यह है कि किसान को समय से इसका भुगतान चीनी मिल्स नहीं देती है आज भी देश और राज्य में चीनी मिल्स की लॉबी मुनाफाखोरी कर रही है और किसानों को उनका हक नहीं मिल पा रहा है। हम आधुनिक खेती के माध्यम से किसानों के दर्द को खत्म करेंगे। ऐसे नियम और कानून बनाएंगे जिससे कि कृषि क्षेत्र में भ्रष्टाचार खत्म हो सके क्योंकि खेती में जब किसान लगता है तो उसके साथ पूरा परिवार-कुनबा और उसके क्षेत्र का मजदूर, कारीगर, ड्राइवर, माताएं-बहनों का वर्ग मिलकर खेती करता है लेकिन उनकी मजदूरी भी बहुत कम है। विडंबना यह है कि जब पूरा देश कोविड की बीमारी की चपेट में था तब भी किसान वर्ग ने ही देश को अनाज की पूर्ति कर भारत माता का साथ दिया था।
इतना ही नहीं पश्चिमी उत्तर प्रदेश का हस्तिनापुर इलाका जो कि पांडवों की धरती कहा जाता है, आज भी पिछड़ा हुआ है यहाँ न तो रेलवे लाइन है ना ही कोई बेहतर अस्पताल है ना ही कोई सरकारी बड़ा विश्वविद्यालय या अच्छा स्कूल है यहां तक की कोई बड़ा टाउन हॉल भी यहां नहीं बना जबकि इस क्षेत्र के लोगों ने 1857 की लड़ाई में और स्वतंत्रता संग्राम की लड़ाई में अपना भरपूर योगदान दिया है लेकिन आज भी हस्तिनापुर की तरफ किसी भी पार्टी का रुख नहीं हुआ यहां की जनता आज भी विकास की राह देख रही है। बिजनौर मनीषी पुरुष विदुर की धरती है जिन्होंने पूरी दुनिया को नीति निपुण बनाया धर्म पर चलना सिखाया लेकिन आज भी बिजनौर उन सभी समस्याओं को झेल रहा है जिनका जिक्र मैंने अभी किया कम से कम इस इलाके में एक अच्छा सैनिक स्कूल तो बन ही सकता है क्योंकि यह क्षेत्र जाट, गुर्जर, यादव जैसी भारत मां पर प्राण न्यौछावर करने वाली बहादुर जातियों का क्षेत्र है यहां हर गांव से देश की सेवा एवं सुरक्षा में तत्पर पुलिस, सेना एवं अन्य सशस्त्र सुरक्षा बलों में हमारे नौजवान सेवाएं दे रहें हैं, वहीं चिकित्सा शिक्षा एवं चिकित्सा सेवाओं की सुदृढ़ व्यवस्था की बात की जाये तो मेडिकल कालेज का मूलभूत ढाँचा तो बना दिया गया है परंतु उनमें सुविधाएं प्रभावी ढंग से नहीं चल पा रही हैं। चिकित्सकों एवं विशेषज्ञों की भी नियुक्ति सुचारू रूप से नही है जिससे कि चिकित्सा व्यवस्था अभी तक उन्नत नहीं हो सकी है परंतु बावजूद इसके भी सरकारों ने क्षेत्र के लोगों के स्वास्थ्य सुविधाओं के प्रति गंभीरता से विचार नहीं किया, इसी प्रकार मवाना एवं अन्य पिछड़े क्षेत्रों में चिकित्सा सुविधाओं की व्यवस्थाएं बेहतर नहीं हैं यहाँ तक कि किसान बाहुल्य क्षेत्र में आम जनमानस के साथ यहाँ के पशुधन की स्वास्थ्य व्यवस्था का हाल तो एकदम दम तोड़ चुका है. किसान भाइयों के पशुओं के उपचार हेतु वेटनरी चिकित्सकों की तो भारी कमी है समय पर पशुओं को उपचार न मिलने से उनकी मृत्यु हो जाती है जिससे किसानों को अत्यधिक वित्तीय नुकसान होता है, कृषि एवं पशुपालन एक दूसरे के पूरक कहे जाते हैं बहुत से किसान भाई पशुपालन एवं दुग्ध का व्यवसाय भी करते है। इस प्रकार की अनदेखी किसानों के लिए भारी आर्थिक संकट को जन्म देती है। वहीं बहन-बेटियों के सशक्तिकरण की तो बात की जाती है परंतु उनके लिए कोई अच्छा नर्सिंग कॉलेज, पॉलिटेक्निक व आईटीआई संस्थान भी मवाना एवं आस पास के पिछड़े क्षेत्रों में अभी तक नहीं है कम से कम सरकार को बहन-बेटियों को आर्थिक सशक्त बनाने के लिए इस विषय पर गंभीरता से ध्यान देना चाहिए था।
इस यात्रा में मिले जनता एवं किसानों के भारी समर्थन से अभिभूत होकर यात्रा को सफल बताते हुए चौधरी विजेंद्र सिंह ने पत्रकारों से कहा उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव में एक बडी चुनौती पेश करेगी और उत्तर प्रदेश की सभी सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारेगी पत्रकारों के ही सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी राष्ट्रवादी पार्टी है पार्टी का नारा ही है जय जवान जय किसान इसलिए हमें राष्ट्रवादी पार्टियों से हाथ मिलाने में किसी तरह का गुरेज नहीं है अब देखते हैं आगे किस तरह के समीकरण बनेंगे उन्होंने किसान जोड़ो यात्रा के लिए मेरठ, मवाना, मीरापुर, बिजनौर, और सभी क्षेत्र सम्मानित किसानों एवं जनता का आभार व्यक्त करते हुए कहा उनकी पार्टी जनता को निराश नहीं होने देगी। यात्रा के दौरान चौ० गजेन्द्र सिंह ‘नीलकंठ’, कमलजीत सिंह, सिकंदर अब्बास, नवीन, अरशद कुरैशी, , गौरव चौधरी, हरप्रीत, फुरकान खान, डॉ० एन० के० सिंह, डॉ जयदीप कुमार, योगेश पाल, अमरनाथ त्यागी, मनोज चौधरी, डा० सौरभ कंवर, सुशील तेवतिया, मोहित त्यागी, विक्रांत देशवाल, मोहित हुड्डा, अंतरिक्ष हुड्डा, रोहित शर्मा, मुकेश ठाकुर, रोहित त्यागी, सुधीर त्यागी, अभिनव गौड़, सचिन शर्मा सहित सैकड़ों लोगों की उपस्थिति रही।